अभिव्यक्ति पानी की तरह होती है । बहती है और आजाद होती है । हद का केवल भ्रम है, यह निर्बाध होती है । Expression is like water. It flows and is free. Limit is only an illusion, it is uninterrupted.
सद्गुरु के साथ समर्पण के स्तर का रिलेशन, आचार - विचार में उनका रेस्ट्रिक्शन, जीवन में उनका रिफ्लेक्शन, अगर आत्मसात हो जाए तो, सद्गुरु के प्रभाव से, सद्गति-सिद्धिगति का रिजर्वेशन अवश्य हो जाता है।
आप कहीं भी रहो, आपकी श्रद्धा, आपका विश्वास ईश्वर के, धर्म के प्रति, अध्यात्म के प्रति आपका झुकाव आपको संकटों से अभिरक्षित करेगा। ईश्वर की करुणा-कृपा की अभिरक्षा में आपका जीवन आनंदित हो पनपेगा, निःसन्देह, सफल व सार्थक होगा ।
प्यार कभी निष्फल नहीं होता, चरित्र कभी हारता नहीं और धैर्य व दृढ़ता से सपने अवश्य सच होते हैं, इस बात पर भरोसा रखें । Love never fails, character never loses, and trust that with patience and perseverance dreams do come true.
जो सबमें अपनी आत्मा का दर्शन करता है वही वास्तव में देखता है। इसलिए किसी को चोट मत पहुंचाओ। मधुर बोलो, मीठा बोलो, सबसे सद्भाव रखो, सबकी सेवा करो, शुभ चिंतन करो।
पवित्र-एकाग्र मन मे अद्भुत शक्तियां आती हैं और यह पवित्रता-एकाग्रता आती है- ध्यान से, परमात्म चिंतन से। इसलिए तन के आहार से भी मन के आहार की, परमात्म-चिंतन की अधिक आवश्यकता है।
अगर जान-बूझकर अथवा आग्रहपूर्वक भूलाए न जाएँ तो बचपन में सीखे हुए नैतिक मूल्य जीवनभर, स्थायी होते हैं । Unless forgotten consciously or deliberately, moral values learned in childhood are permanent throughout life.
धन और पद से किसी व्यक्ति को मिली हुई पहचान, तब तक खोखली है कि जब तक उसके हृदय में दूसरों के प्रति सच्चा लगाव न हो ! संवेदनाहीन ऊँचाई (उच्च पद) किस काम की ? Wealth, position and identity of a person is hollow unless he has genuine affection for others in his heart.What [...]