वैसे तो जीवन जैसे तैसे बीत जाता है पर, वास्तविक जीवन तो उनका है जो किसी मकसद के साथ जीते है । उनका कार्य – उनका जीवन देर सवेर प्रशंसनीय हो जाता है । चाहे फिर वे जनता के बीच रहें या वन में रहें या फिर रहें कारावास में ! वे आपदाओं को अवसर में बदल देते है।

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