स्वस्थ व सुखी जीवन जीने का सबको है अधिकार ! मानवमात्र की प्रसन्नता ही मेरा उद्देश्य है । स्वस्थ व सुखी जीवन सबको प्राप्त हो यही मेरा प्रयास है । जेल के क़ैदियों तक भी उच्च स्वास्थ व्यवस्था पहुँचे इस विषय में और कार्य होने चाहिए ।
पूज्य साँई जी द्वारा लिखित कविता: अब कुछ बड़ा करना है.... बनकर पर्वत बादलों को छूना है, अब कुछ बड़ा करना है... छोड़कर पगडंडी रास्ते, राजमार्ग पर चलना है, मुझे अब मुझसे ही मिलना है, अब कुछ बड़ा करना है... चाहे उड़े सब आसमां में, मुझे तो शून्यावकाश में तैरना है, अब कुछ बड़ा करना [...]
होली पर संदेश समय के साथ संबंध भी जैसे डिजिटल होते जा रहे हैं । पास-पास में बैठे लोग मोबाइल, गैजेट्स में ऐसे खोए से रहते हैं कि वे पास होने पर भी वर्चुअल दुनिया में खोए रहते हैं । पास होने पर भी मन से दूर होते हैं । चैटिंग की आदत भी ऐसी [...]
आज भगवान देव नारायण जी का ११११ वाँ जन्मोत्सव है । जब कोई संत हयात होते हैं तो उनकी हयाती में भी उनके अस्तित्व और उनके ज्ञान की उतनी ही क़द्र और सम्मान करना चाहिए। कितनी विडम्बना है कि उनके चले जाने के बाद उनका जन्मोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। जैसे भगवान देवनारायण का [...]
गर साथ न हो कोई तो, डर मत जाना, अकेले चलना ! हे ओजस्वी वीर ! अकेले चलना ! सूरज ओ' चंदा की नाई, अकेले चलना ! शेर की नाई अकेले चलना ! अभाव और दबाव को, प्रभाव और अवसर में बदलना ! डर मत जाना, अकेले चलना !
Welcome 2023 ! नए साल में बनायें सूर्य नमस्कार को आदत... क्यों ना नए साल में योगा को एक स्वस्थ आदत बनाई जाए। योगमय जीवन प्रारंभ करने के उद्देश्य से सूर्य नमस्कार एक संपूर्ण अभ्यास है । हररोज पाँच मिनट से लेकर पंद्रह मिनट तक का ही समय निकालना पर्याप्त है।
दोनों पक्षों की निष्पक्ष सुनवाई आवश्यक पुरुषों को सीधे ही दोषी मानने की मानसिकता पर सवाल - सीमा हिंगोनिया वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आज के दौर में समाज में स्त्री-पुरुष की बराबर भागीदारी हो रही है। दोनों ही घर-परिवार, समाज और देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन, जब सुरक्षा, सम्मान, अवसर, शोषण और [...]
कैदियों को भी मानव अधिकार... जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी होते है, यह बदनसीबी है । अगर जेल कैदियों से भरा हुआ हो तो जेलों में सुधार करने का कोई अर्थ ही नहीं है । अगर कैदियों को ठीक तरह से रख नहीं सकते हों तो छोड़ देना चाहिए । देश की विविध जेलें [...]
युधिष्ठिर बोले : देवदेवेश्वर ! मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष में कौन सी एकादशी होती है ? उसकी क्या विधि है तथा उसमें किस देवता का पूजन किया जाता है? स्वामिन् ! यह सब यथार्थ रुप से बताइये । श्रीकृष्ण ने कहा : नृपश्रेष्ठ ! मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी का वर्णन करुँगा, जिसके श्रवणमात्र [...]
ईश्वर ने जो विपरीत परिस्थितियाँ भेजी, मैं उसकी कृपा की समीक्षा कर रहा हूँ और उस परीक्षा में मुझे लग रहा है कि मैं उत्तीर्ण हो रहा हूँ। यह आनंद की बात है। जीवन में आने वाले कष्टों में मैं कितना स्थिर रह पाया और वे विपरीत परिस्थितियाँ मेरे ऊपर कितनी बेअसर हुई इसका में [...]
समता दिवस: 4 दिसंबर "समत्वं योग उच्यते।" आज का दिवस प्रतीक है उन संतों की समता का जो लाख कष्ट, विपरीत परिस्थियों एवं प्रतिकूलताओं के बीच भी क़ायम रहती है।