
Deepawali Sandesh 2020
समय करवट ले रहा है, कोरोना महामारी से जो बच गए वे कोरोना के बाद का नववर्ष, दीपावली पर्व मनायेंगे... नई उम्मीदों के साथ... नए उत्साह के साथ, बदलते समय में, काल के संग ताल मिलाते हुए हम आगे बढ़ेंगे ! भय, नकारात्मकता और आशंका के वातावरण को स्नेह-प्रेम-करुणा - हिम्मत और उत्साह से, बदलते [...]
Sharad Poonam 2020
शरद पूनम, जब भी आती है, मन के देवता चन्द्र देव सहज ही याद आते हैं... उनकी शीतल किरणों में स्नान करके आल्हादित होने व अपलक पूर्ण चंद्रमा को देखते हुए न सिर्फ मन हर्षित व प्रसन्न करते हैं हम, बल्कि चंद्रमा का ध्यान करते हुए मन को कृष्ण युग में ले जाकर महारास की [...]
अध्यात्मिकता को बढ़ाने के लिए क्या करें ??
जयप्रकाश नारायण ने अपने जीवन के अनुभव का एक निचोड़ बताया है कि "अगर हमें अच्छा आदमी बनना है, दूसरों के मंगल के लिए स्वयं अपने कर्तव्य का निर्वाह करना है तो हमें आध्यात्मिक होना होगा । भौतिकता दूसरों के भले के लिए त्याग करने की प्रेरणा देने में असमर्थ है । उसका पूरा ध्यान [...]
पूज्य श्री नारायण साँईं जी ने लिखा है हमारे आपके लिए !
पूज्य श्री नारायण साँईं जी ने लिखा है हमारे आपके लिए - एक विशेष रूप से समझने और याद रखने की बात यह है कि, हम ऐसी माँग क्यों करें कि उससे कि "चिंता व जिम्मेदारी का बोझ उठा लो - हे नाथ ! हे मालिक !" ना... ना... हम तो उस दिव्य प्रेम को [...]
Confidence !
जीवन में उन्नति पाने की इच्छा आपके अंदर ही लहलहा रही है...! अपने चारों ओर स्वयं आपने ही जो जाल बुने हैं उनसे छुटकारा पाइये - तभी असली उन्नति होगी । साहस, घोर परिश्रम, संपूर्ण ध्यान और सभी क्षमताओं का उपयोग करते हुए उत्साहपूर्वक परिश्रम करके देखिए ! सफलता आपके कदम चूमेगी । हार से [...]
यह भी गुजर जायेगा !
"यह भी गुजर जायेगा....." जब, अनुकूलता - सुख-सुविधा में फिसल जाएँ हम, और - जब, प्रतिकूलता - दुख-संकट में घिर जाएँ हम, तब - अपने आपको आश्वासन दीजिए, ढांढस बंधाइये व धैर्य के साथ - शांति से, मन को समभाव में लाते हुए समझाइये - सोचिए कि - "हाँ, यह भी तो गुजर ही जायेगा [...]
Aapka Vyavhar Kaisa Ho ?
कैसा हो आपका व्यवहार ? (दिव्य सत्संग) - पूज्य श्री नारायण साँईं जी सबमें भगवान है ये अपनी एक दृष्टि है । व्यवहार अनेक के साथ होता है लेकिन उस व्यवहार में भेद है, तत्व में कोई भेद नहीं है । जय रामजी बोलना पड़ेगा । तत्व सबमें समान, सबमें एकरस है । एक उदाहरण [...]
Paane Se Adhik Anand Dene Me Hai
पाने से अधिक देने में आनंद है । वस्तुओं के लाभ से ही आनंद मिलता है उस उसूल के साथ जो लोग जीवन बिताते हैं, उन्हें एक हजार अच्छाईयों के बाद एकाध संकट आ जाए तो उनके लिए दुःखपूर्ण बन जाता है। मैं चाहता हूँ हम एक ऐसे आनंद को प्राप्त करें जो हर हाल [...]