मैं, माँ लक्ष्मीनन्दन नारायण साँईं सुपुत्र संत श्री आशारामजी बापू, आपको दीपावली एवं नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ । आनेवाला वर्ष आपके उत्साह, उमंग, साहस और प्रसन्नता में बढ़ोतरी करें... आपके आरोग्य एवं आयुष्य को दीर्घकालीन श्रेष्ठ बनाए रखें... आपकी मंगल मनोकामनाओं को पूर्ण करें... शुभं करोति कल्याणं... ! अँधेरे को मिटाने का मतलब [...]
'सबमें भारत और भारत में सब' आइये, लोकतंत्र बचाएँ, देश की स्वतंत्रता के रक्षक बनें और भारत की आत्मा को जिन्दा बनाये रखें । - नारायण साँईं मैं, भारतीय विद्या भवन के संस्थापक और कुलपति के. एम. मुनशी के उमदा विचार नवनीत मासिक पत्रिका के अक्टूबर 2019 के अंक में पढ़ रहा था । उनके [...]
“नारायण साँई का संदेश” (1 अगस्त, 2019) ‘नारायण’ ने फिर से लेखनी उठाई है... आपके लिए ! जेल की सलाखों के पीछे से आपके लिए लिखते रहने की आदत पड़ गई है - कल से श्रावण मास का शुभारंभ हो रहा है | इस बार तो मेघों ने पूरे मन से बरसाया है पानी... लबालब [...]
गणेशोत्सव पर संदेश - नारायण साँईं 'ओहम्मो' 'श्री गणेशाय नमः' के साथ गणपति गजानन बप्पा का मंगलमय स्मरण करते हुए विश्व के तमाम मनुष्यों को गणेश उत्सव के अवसर पर मैं हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ प्रदान करता हूँ । भारत में करीब 70-75 साल पहले स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक ने समाज में [...]
मौन में संवाद ! मौन से जो होता संवाद वैसा भाषा से कहाँ होता है ? अर्थहीन तो बहुत कुछ होता दिनभर पर है जो महत्वपूर्ण, वो कहाँ होता है ? मंदिर तो हर घर में होगा लेकिन दिल से प्रभु की पूजा क्या होती है ? प्रयोग होते हैं सत्य के, लेकिन असत्य अलविदा [...]
साँईं संदेश ! 29 जुलाई, 2019 । लाजपोर जेल, सूरत । आप सभी कैसे है ? आशा करता हूँ, कुशल होंगे, स्वस्थ, सम, प्रसन्न होंगे । सुख-दुःख में सम रहना ही स्वस्थ रहना है । जो सुख-दुःख से प्रभावित होते रहना बीमारी का लक्षण है । 'सम सुख-दुःख स्वस्थः ।' गीता ने कहा है कि [...]
स्वयं को पहचानो मैं चाहता हूँ कि आप भी स्वयं से सवाल करते रहें कि मैं कौन हूँ ? मैं क्या हूँ ? यकीन मानिये, स्वयं को पहचानने का द्वार स्वयं से ही खुलेगा । आखिर कब तक हम सभी दूसरे की बताई, समझाई, थोपी हुई पहचान से जीते रहेंगे ! स्वयं के भीतरी द्वार [...]
वटसावित्री पूर्णिमा २०१९ संदेश... ये पूनम है न, ये सोमवार दोपहर तक रहेगी और अखंड सौभाग्य के लिए व्रत किया जाता है वटसावित्री पूर्णिमा का । ज्येष्ठ मास शुक्ल पूर्णिमा सौभाग्यवती स्त्रियाँ पति की दीर्घायु के लिए उपवास रखती है । गुजरात में महिलाएँ सामान्यरूप से एकाध फल ग्रहण करके पूरे दिन का उपवास करती [...]
पर्यावरण के प्रति जागरूकता और समाधान पर्यावरण की अवहेलना के गंभीर दुष्परिणाम समूचे विश्व में परिलक्षित हो रहे हैं । अब सरकार जितने भी नियम-कानून लागू करें उसके साथ साथ जनता की जागरूकता से ही पर्यावरण की रक्षा संभव हो सकेगी । इसके लिए कुछ अत्यंत सामान्य बातों को जीवन में दृढ़तापूर्वक अपनाना आवश्यक है [...]
सभी आश्रमवासी भाई-बहनों के नाम पत्र (वकीलों द्वारा प्राप्त) 30 अप्रैल, 2019 के बाद, कि जब से सूरत सेशन्स कोर्ट ने 17 वर्ष पुरानी उपजाऊ कहानी के आधार पर अशुद्ध बुद्धि व मलिन इरादों से दर्ज केस का आश्चर्यजनक आजीवन कारावास का दंड मुझे सुनाया, उसके बाद से आज लेखनी उठाकर लिखना पुनः शुरू किया [...]
एकांत की तलाश क्या वो समय कभी आएगा जब मनुष्य जीने के अधिकार पर कायम रहेगा और दिन की चमकदार रोशनी और रात की शांतिपूर्ण खामोशी के साथ खुशी मनाएगा । क्या आएगा कभी ऐसा समय ? क्या वह सपना हकीकत बन सकेगा कभी ? कि धरती के इंसान ही मांस से ढक जाने के [...]
मैं निर्दोष था, निर्दोष हूँ, निर्दोष रहूँगा... निर्दोषं हि समं ब्रह्मं, तस्माद् ब्रह्मणि ते स्थिताः । गीता ने कहा है कि - 'वह ब्रह्म सदैव निर्दोष है उस ब्रह्म में स्थित हो जाओ ।' तो जिसकी उस निर्दोष ब्रह्म में स्थिति है उसको कभी दोष छू नहीं सकता । उसमें दोष टिक नहीं सकता । [...]