आध्यात्मिक आचार्य या सद्गुरु की नूरानी नजरों को, मेहर भरी आँखों के माध्यम से, उनके दर्शनों से हमारे भीतर एक नई ऊर्जा, नई चेतना प्राप्त होती है । उनका हमारे ऊपर दृष्टिपात हमारे मन - मस्तिष्क को प्राणवान बनाता है और उमंग - उत्साह को बढ़ाता है । सद्गुरु के मेहर भरे दृष्टिपात,मादक पदार्थों व् [...]
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः । चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम् ।। 14 फरवरी का दिन है "मातृ पितृ पूजन दिवस ।" जो माता-पिता का पूजन करता है, उनका आराधन करता है, उनको चरणस्पर्श करता है, उसकी चार चीजें बढ़ती है । कौनसी ? 'आयुर्विद्या यशो बलम्...' एक तो उसकी आयुष्य बढ़ती है । दूसरा उसकी [...]
His Holiness Shri Narayan Saiji was born to the world famous Sant Shri Asharamji Bapu(Satgurudev) and Sri Sri Lakshmimaiya Ji. At a very young age, the Illuminated Saint Sri Leelashaji Maharaj gave Saiji a touch initiation on the aagyachakra, which is also known as the THIRD EYE. Till the age of four, as per the [...]
(स्वामी विवेकानंद प्रेरक प्रसंग) - पूज्य नारायण साँईं जी लक्ष्यप्राप्ति की बलिवेदी पर, अपना तन-मन वारो । वार वार के वारो, चिंता, भय को फेंको । हिम्मत कभी न हारो साथियों ! हिम्मत कभी न हारो बच्चों ! हिम्मत कभी न हारो भाईयों ! हिम्मत कभी न हारो ! अपने अंतर में साहस, उद्यम, बल, [...]
जहाँ अक्सर नए सवाल और रोजमर्रा की नई समस्याएं लोगों को व्यथित व परेशान करती हैं वहाँ हम उनके उत्तर ढूँढते हुए समाधान के प्रयास करते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि उम्मीदों का अनंत आकाश हमारे लिए सदा खुला था, खुला है और खुला रहेगा । उम्मीद सबसे बड़ी चीज है , वही ताकत [...]
हमारे सदगुरुदेव द्वारा प्रदान किए गए " एक में सब, सबमें एक " सूत्र को हमें आत्मसात करना है और यही दर्शन शासकों में, प्रजा में, सभी देशों में विकसित करना है तभी एक मंगलमय, सुखद, आनंदमय विश्व का निर्माण होना सम्भव हो सकेगा ऐसा मैं दृढ़तापूर्वक मानता हूँ । मेरे इसी विचार के सन्दर्भ में भारतीय [...]
ओजस्वी अध्यात्म वेदन्तिक जीवन शैली के प्रणेता - श्री नारायण साँईं जी द्वारा ओज-तेज से परिपूर्ण, प्रेरित और उत्साहित करने वाला दिव्य संदेश ! आज मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती और तुलसी पूजन दिवस के उपलक्ष्य में ... मेरे प्रिय साधक भक्तजनों, मेरे स्नेही हितेशी दोस्तों हम अपना-अपना हृदय टटोलें और ग़ौर से झाँकेंगे भीतर तो [...]
किसी न किसी नाम से, किसी न किसी रूप से है ये । 400 साल पहले जो थी उसमें इतने लोग नहीं मरे होंगे । 100 साल पहले जो थी उसमें उतने नहीं मरे होंगे जितने इस वक्त मरे है और आनेवाले 100 साल याने 2100 के अंदर 2120 वें दिन संभवतः पिछले 400-500 वर्षों [...]
पूज्य श्री नारायण साँईं जी ने दिनांक ७ दिसम्बर २०२० को उनकी कुल देवी माँ - अहमदाबाद स्थित माता हिंगलाज देवी मंदिर के दर्शन किए । (पूरा पता - सूरजीत सोसायटी, ठक्कर बापा नगर, इंडिया कॉलोनी, अहमदाबाद, गुजरात - 382345) आइए जानते हैं हिंगलाज माता के बारे में : पौराणिक कथा के अनुसार सती के [...]
शरद पूनम, जब भी आती है, मन के देवता चन्द्र देव सहज ही याद आते हैं... उनकी शीतल किरणों में स्नान करके आल्हादित होने व अपलक पूर्ण चंद्रमा को देखते हुए न सिर्फ मन हर्षित व प्रसन्न करते हैं हम, बल्कि चंद्रमा का ध्यान करते हुए मन को कृष्ण युग में ले जाकर महारास की [...]
जयप्रकाश नारायण ने अपने जीवन के अनुभव का एक निचोड़ बताया है कि "अगर हमें अच्छा आदमी बनना है, दूसरों के मंगल के लिए स्वयं अपने कर्तव्य का निर्वाह करना है तो हमें आध्यात्मिक होना होगा । भौतिकता दूसरों के भले के लिए त्याग करने की प्रेरणा देने में असमर्थ है । उसका पूरा ध्यान [...]
जीवन में उन्नति पाने की इच्छा आपके अंदर ही लहलहा रही है...! अपने चारों ओर स्वयं आपने ही जो जाल बुने हैं उनसे छुटकारा पाइये - तभी असली उन्नति होगी । साहस, घोर परिश्रम, संपूर्ण ध्यान और सभी क्षमताओं का उपयोग करते हुए उत्साहपूर्वक परिश्रम करके देखिए ! सफलता आपके कदम चूमेगी । हार से [...]
"यह भी गुजर जायेगा....." जब, अनुकूलता - सुख-सुविधा में फिसल जाएँ हम, और - जब, प्रतिकूलता - दुख-संकट में घिर जाएँ हम, तब - अपने आपको आश्वासन दीजिए, ढांढस बंधाइये व धैर्य के साथ - शांति से, मन को समभाव में लाते हुए समझाइये - सोचिए कि - "हाँ, यह भी तो गुजर ही जायेगा [...]
खुशहाल जिंदगी के समर्थक – श्री गणेश - नारायण साँईं 'श्री गणेशाय नमः' के साथ गणपति गजानन बप्पा का मंगलमय स्मरण करते हुए विश्व के तमाम मनुष्यों को गणेश उत्सव के अवसर पर मैं हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ प्रदान करता हूँ । भारत में करीब 70-75 साल पहले स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक [...]
कैसा हो आपका व्यवहार ? (दिव्य सत्संग) - पूज्य श्री नारायण साँईं जी सबमें भगवान है ये अपनी एक दृष्टि है । व्यवहार अनेक के साथ होता है लेकिन उस व्यवहार में भेद है, तत्व में कोई भेद नहीं है । जय रामजी बोलना पड़ेगा । तत्व सबमें समान, सबमें एकरस है । एक उदाहरण [...]
पाने से अधिक देने में आनंद है । वस्तुओं के लाभ से ही आनंद मिलता है उस उसूल के साथ जो लोग जीवन बिताते हैं, उन्हें एक हजार अच्छाईयों के बाद एकाध संकट आ जाए तो उनके लिए दुःखपूर्ण बन जाता है। मैं चाहता हूँ हम एक ऐसे आनंद को प्राप्त करें जो हर हाल [...]